शनिवार, 23 अप्रैल 2011

आरजू तो

आरजू तो न थी कि तुम दुबारा मिल जाओगे |
जामने भर के डर से इस तरह निकल जाओगे |
अब मुझे भी तो तुम्हारा साथ देना होगा |
नहीं तो यह ज़माना मुझे बेवफा कहेगा |

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