रविवार, 17 अप्रैल 2011

जिन्दगी का

देख न यूँ मुस्कराकर जिन्दगी का फ़साना हम भूल जायेंगे |
तेरी यह मासूम मुस्कराहट दिल में यूँ उतर गयी है की हम धडकना भूल जायेंगे |

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