चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
गुरुवार, 21 अप्रैल 2011
नस्तर न
नस्तर न चला दिल पर मेरे, रहम कर तो जरा |
दिल की रोशनाई से, लिख रहा हूँ मुक्कदस तेरा |
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