चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
याद आये
मुद्दत से,
जो न याद,
आये कभी,
वह क्यूँकर,
याद आये अभी,
.
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