चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
सोमवार, 19 दिसंबर 2011
ऐतबार कर ले
ऐतबार कर ले कोई एक बार, दिल यह चाहता है हर बार,
ऐतबार को संभालने के लिए, दिल संभालना पड़ता है हर बार,
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