मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

परेशान-सी है

परेशान-सी है,
कुछ नज़र,
ना जाने,
क्या ढूँढती है,
कभी ईधर,
देखती है,
कभी उधर,
देखती है,

माथे पर,
पसीना है,
दिल भी,
धक्-धक् सीना है,
साँसों का मंज़र,
न थम रहा है,
किसी के,
इंतज़ार में,
लगता है,
यह हाल हो,
रहा है,

बेहाल-सी,
पगली-सी,
हो रही है,
न जाने,
किसे,
खोज रही है,

मैं तो आगे,
निकल गया,
उसे ऐसे ही,
छोड़ गया,
पता नहीं,
उसका,
क्या हाल हुआ,
पर उस रात,
न मैं,
सो हुआ,

.

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