चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
बुधवार, 14 दिसंबर 2011
तेरी निज्बत में
तेरी निज्बत में, सर-ए-आलम, जिन्दगी बिता दी,
राहों से कांटे हटा दिए, हार राह में फूल बिछा दिए,
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