मंगलवार, 25 जनवरी 2011

क्यूँ याद

क्यूँ याद किसी की दिलाते हो,
जिंदगी को ग़मों से रुलाते हो,
मोहब्बत हमने भी की हो,
क्यूँ रूह हमारी जलाते हो,

.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें