चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
रविवार, 13 अक्तूबर 2013
है आदिल
है आदिल का आएना वो, नब-ए-निज्बत से पूछ ले तू,
कहने को तो जिन्दगी है, हर हाल में जी ले तू,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें