रविवार, 10 नवंबर 2013

दागदार है

दागदार है, जिन्दगी मेरी,
खुशनुमा माहोल, कहाँ से लाऊँ,
कहो तो, क़तरा-कतरा,
बिखरे लहू को समेट लाऊँ,

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