चन्द इशहार
इश्क में हारे हुए के, चन्द जख्म, कुरेदते रहते हैं, न लगाते मरहम,
शुक्रवार, 30 सितंबर 2016
नूर-ए-इल्म
नूर-ए-इल्म,
रोशनी की चमक में क्या पता चले,
स्याह पन्नों पर ही तो,
सुनहरे हर्फ दिखे,
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