शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

तस्वीर का

तस्वीर का वो पल,
उस रुके वक्त की निशानी है,
वो क्षण कुछ कहता है,
उस क्षण की कहानी है,

महकते आशियाने

महकते आशियाने तो,
बस आखिरी मकाँ नहीं,
गुजरती है जिन्दगी जिसमें,
वो गली की दुकाँ नहीं,

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तेरी निगाह से,
मैंने यह सीखा नहीं,
मेरी मोहब्बत में,
कोई सलीका नहीं,
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यादों के आईने में,
जो चित्र चल रहे हैं,
मत पूछो यार,
अरमा फिर से मचल रहे हैं,
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थोड़ा तो इकरार कर लो,
जी भर कर प्यार कर लो,
हर तरफ दीवानगी है,
कुछ तो इजहार कर लो,

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रास्तों के तन्जुमन

रास्तों के तन्जुमन में,
आजमाईशें बहुत-सी हैं,
बरगजा-ए-बेवक्त से,
कुछ तो फरमाईशें हैं,

खोती-खोती-सी

खोती-खोती-सी,
पटती-पटती-सी,
बात इरादों में,
कटती-कटती-सी,

नूर-ए-इल्म

नूर-ए-इल्म,
रोशनी की चमक में क्या पता चले,
स्याह पन्नों पर ही तो,
सुनहरे हर्फ दिखे,